Jaipur Mumbai Train Firing : RPF Constable ने चलती ट्रेन में 4 लोगों की जान कैसे ले ली ? |


 मुंबई के करीब जयपुर मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर एक घटना घटती है जहाँ पर एक आरपीएफ का जवान एक एएसआइ के ऊपर गोली दागता है और इस घटना में तीन सिविलियन की भी मौत हो जाती है। हाँ, उसी ट्रेन के अंदर मौजूद है, लेकिन एक अलग बोगी में जहाँ की तस्वीरें मैं आपको दिखा दू क्या आप समझ पाएंगे कि देखिये इस तरीके की पूरी ट्रेन है जिसमें पैसिंजर एक तरफ पूरी तरह से रहते हैं, वहीं अगर आप दूसरी तरफ आएँगे अगर आप दरवाजे के बाहर आएँगे तो मैं आपको बता दूँ कि यहाँ पर ये होता है कि यहाँ पर वो आरपीएफ के जवान की कुर्सी होती है। आप देखेंगे कि यहाँ पर वो आरपीएफ कौन बैठा होता है जहाँ पर सारी चीजें ऑपरेट की जाती है, मॉनिटर की जाती है और बिलकुल इसी के पीछे थोड़ी तस्वीरें हम घुमाकर आपको दिखाने की कोशिश करेंगे की वो ये डब्बा होता है जहाँ पर सारे सामान रखे जाते हैं। सारे गुड्ज़ रखे जाते हैं। जहाँ पर इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया था कि तीन से चार से आठ जो थी वो रखी थी, तीन पैसेंजर थे। अगर आप तस्वीरों के जरिए देखेंगे तो आपको समझ में आएगा कि यह अंदर की पूरी व्याख्या है। जहाँ पर ये पूरा झगड़ा हुआ। अगर अब आप यहाँ से बाहर आएँगे तो आपको तस्वीरों के जरिए मैं बता दूँ कि यह पूरा प्रिमाइसेस है। अगर आप देखेंगे ये वो पूरा प्रेमिसेस है। ऐसा एक दरवाजा था जहाँ पर उस इंसान को चोट आई, जीस को गोली लगी और वो यहाँ पर जमीन पे ऐसे गिरा हुआ पड़ा मिला और इसी के साथ साथ आपको मैं बता दू की जो पे जो आरपीआइ आरपीएफ का जवान था, जिसने गोली दागी है उसने अंधाधुंध गोली चलाई, जिसके बाद दरवाजे के ऊपर भी गोली चली है। तो यहाँ एक दरवाजे के कोर्नर में जो गोली चली थी वो नजर आया तो यानी की यहाँ ये झगड़ा हुआ। एक व्यक्ति की मौत यहाँ होती है जो की यहा पर गिरा पड़ा होता है। आरपीएफ के जवानों को यहाँ बैठना होता है और झगड़ा जब अंदर जाता है तब वहाँ पर जो एएसआइ थे उनको गोली लगती है और वह जमीन पर पड़े नजर आते हैं और इसी बीच में एक पैसेन्जर अंदर बैठा होता है, जिसकी छाती पर गोली लगती है और वो मर जाते हैं। और इसी के अलावा घटना के अंतिम क्रम में अगर हम आपको बताए तो ऐसे ही जो निकास का दरवाजा है उसी निकास के दरवाजे पर भी एक व्यक्ति की मौत हुई है। तो कुल मिलाकर इसी तरीके से घटनाक्रम चला कि अंधाधुंध फायरिंग हुई जहाँ पर एएसआइ जो है, आरपीएफ यहाँ बैठे उनके आपस में झगड़े हुए। अंदर जो लोग मौजूद थे वो बाहर आए और यहाँ से दरवाजे से निकलने की उन्होंने कोशिश की। एक यहाँ से भागने की कोशिश करता है, एक वहाँ से भागने की कोशिश करता है और यहाँ पर इन दोनों लोगों की मौत हो जाती है तो इस तरीके से इस पूरे घटनाक्रम ने अंजाम दिया। हालांकि इसी तरीके के जो चेंज होती है उसको खींचकर जो आरोपी हैं चेतन सिंह उसने भागने की कोशिश की है। दहिसर के स्टेशन पर वो उतरा, लेकिन ऐसे ही सीसीटीवी भी मौजूद हैं। रेलवे के अंदर कम्पार्टमेंट के अंदर, जिससे किस चीज़ की पूरी जो घटनाक्रम है वो रेलवे के पास सामने आएगा? तो कुल मिलाकर ये साफ है कि इस ग्राउंड रिपोर्ट में आप समझ सकते हैं कि पूरी घटना ने अंदर इतनी जगह में जगह बनाई। अनिल शिन्दे के साथ शिवानी मिश्रा भारत के लिए मुंबई से।

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