अफीम उत्पादन के लिए केंद्र ने निजी कंपनियों को क्यों दी इजाजत pm modi

 



भारत में अफीम कीप्रोसेसिंग प्रोडक्शन में आप प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी के लिए मोदी सरकार ने दरवाजे खोल दिए हैं भारत सरकार ने पहली बार किसी कंपनी को अफीम प्रोसेसिंग का ठेका दिया है बजाज हेल्थ केयर देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसे अफीम की प्रोसेसिंग का काम सौंपा गया है दिल को लेकर बजाज हेल्थ केयर का कहना है कि कंपनी को ठेके मिले हैं कंपनी अफीम के अल्कलॉइड और दवाई बनाकर सरकार को मुहैया कराने का काम करने जा रही है कंपनी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अफीम से निकालने का काम सौंपा है कंपनी काम सौंपा है कंपनी न्यू को सौंपा जाएगा कंपनी ने इस काम के लिए गुजरात के सावली में 34 एकड़ के कारखाने में कुछ बदलाव भी किए हैं इस कारखाने में भाई 100 टन सालाना अफीम प्रोसेस करने की क्षमता है कंपनी का कहना है कि इसमें इजाफा किया जाएगा जिससे आने वाले 5 सालों में कंपनी 6,000 प्रोसेस कर सकेगी आपको बता दें कि अफीम प्रोसेसिंग से अधिक निकलता है जिसका उपयोग शेर के साथ-साथ कैंसर की दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है मौजूदा समय में एमपी और यूपी के 2 सरकारी कारखानों में अफीम कोशिश कर हर साल करीब 800 टर्न निकाला जा रहा है कि निजी कंपनी को सरकार ने दिया चंद्र क्यों दिया अफीम प्रोडक्शन आगे निजी कंपनियों के हाथ में जाता है तो अफीम के उत्पादन में तेजी आ सकती है अगर फार्मास्यूटिकल कंपनियों ने प्रोडक्शन चेंज किया तो सरकार को बड़ा आर्थिक फायदा पहुंच सकता है एक अनुमान के मुताबिक आने वाले कुछ सालों में कंपनी 6010 कर सकती है और फिर और कोड इन जैसे अलग अलग अलग के प्रोडक्शन को भी बढ़ावा मिल सकता है हालांकि इन सबके बीच सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती होगी अफीम की खेती की मॉनिटरिंग की जाएगी भारत में अफीम की खेती को लेकर क्या नियम है आजादी के समय से ही भारत में अफीम की प्रोसेसिंग और पूरी तरह से केंद्र सरकार के अंदर आती है अफीम की खेती को अंग्रेजों ने एक कानून अफीम के नाम से बनाया था अट्ठारह सौ सत्तावन 1836 और डेंजरस ड्रग्स अधिनियम 1930 की अफीम की जिनके जरिए देश में दवाओं के उत्पादन पर नजर रखी जाती थी

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